जानिए, क्या हैं अलग-अलग दान और उनके लाभ
जन्म कुण्डली में कुछ ग्रहों को मजबूत और दुष्ट ग्रहों को शांत करने के लिए तो हम दान-पुण्य करते ही हैं लेकिन ग्रहों की कैसी स्थिति में हमें कैसा दान नहीं करना चाहिए, ये भी जानना जरूरी है.
दान करने से जीवन की तमाम परेशानियों का अंत खुद-ब-खुद होने लगता है. दान करने से कर्म सुधरते हैं और अगर कर्म सुधर जाएं तो भाग्य संवरते देर नहीं लगती है.
दान को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. ये मात्र रिवाज़ के लिए नहीं किया जाता बल्कि दान करने के पीछे विभिन्न धार्मिक उद्देश्य छिपे हैं. जन्म कुण्डली में कुछ ग्रहों को मजबूत और दुष्ट ग्रहों को शांत करने के लिए तो हम दान-पुण्य करते ही हैं लेकिन ग्रहों की कैसी स्थिति में हमें कैसा दान नहीं करना चाहिए, ये भी जानना जरूरी है.
जरूरतमंद व्यक्ति को दान देने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कई बार ग्रहों के दोषों का निवारण भी दान देकर किया जा सकता है। लेकिन, दान देते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. अगर सभी बातों का ध्यान रखकर दान किया जाए, तो उसका शुभ फल जरूर मिलता है.
दान करने से मन और कर्म दोनों उत्तम होते हैं. इसका सीधा असर इंसान के भाग्य पर पड़ता है. दान का आपके जीवन पर किस प्रकार का प्रभाव पड़ता है?
अन्नदान, वस्त्रदान, विद्यादान, अभयदान और धनदान. ये सारे दान भी इंसान को पुण्य का भागी बनाते हैं. किसी भी वस्तु का दान करने से मन को सांसारिक आसक्ति यानि मोह से छुटकारा मिलता है. हर तरह के लगाव और भाव को छोड़ने की शुरुआत दान और क्षमा से ही होती है.
श्रीरामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास ने कहा है कि परहित के समान कोई धर्म नहीं है और दूसरों को कष्ट देने के समान कोई पाप नहीं है.