वास्तु शास्त्र
वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) एक प्राचीन भारतीय वास्तुकला और डिज़ाइन विज्ञान है, जिसका उद्देश्य जीवन में समृद्धि, सुख-शांति और समृद्धि लाने के लिए भवनों की संरचना और डिज़ाइन से जुड़ी दिशा-निर्देशों का पालन करना है। यह शास्त्र जीवन के विभिन्न पहलुओं, जैसे कि घर, कार्यालय, मंदिर, वाणिज्यिक भवन, आदि, के निर्माण और डिजाइन के लिए नियम और सिद्धांत प्रदान करता है। वास्तु शास्त्र का मुख्य उद्देश्य सकारात्मक ऊर्जा का संचरण सुनिश्चित करना है, जिससे वहां रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि में वृद्धि हो।
वास्तु शास्त्र के मुख्य सिद्धांत:
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वास्तु के पांच तत्व (Pancha Mahabhutas): वास्तु शास्त्र में पांच मूल तत्वों का महत्व है, जो सभी प्राकृतिक और मानव निर्मित संरचनाओं में समाहित होते हैं:
- पृथ्वी (Earth): यह तत्व स्थिरता, शांति और सुरक्षा प्रदान करता है।
- जल (Water): यह जीवन, समृद्धि और धन का प्रतीक है।
- आग (Fire): यह ऊर्जा, शक्ति और परिवर्तन का प्रतीक है।
- वायु (Air): यह शुद्धता, जीवन शक्ति और गति का प्रतीक है।
- आकाश (Space): यह निर्वात और ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रतीक है।